Pradhanmantri Van Dhan Yojana : सरकार आदिवासी समुदाय के लिए वन उत्पादन में देगी सहायता, जानें क्या है योजना

Pradhanmantri Van Dhan Yojana : भारत सरकार के द्वारा आदिवासियों को आर्थिक एवं सामाजिक सहायता देने के लिए प्रधानमंत्री वन धन योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के माध्यम से जनजाति क्षेत्रों में वनों की उपज के लिए सरकार आदिवासियों को सहायता प्रदान करती है। जिससे कि वनीय क्षेत्र की तेजी से वृद्धि हो।

Pradhanmantri Van Dhan Yojana
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दरअसल आदिवासी समाज की जीविका वनों से बनने वाले उत्पादों पर निर्भर करती है। इसी के साथ इससे प्राकृतिक वातावरण का भी शुद्धिकरण हो जाता है। इस लेख में हम आपको प्रधानमंत्री वन धन योजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं, जिसके माध्यम से आप आसानी से योजना का प्राप्त कर पाएंगे।

Pradhanmantri Van Dhan Yojana क्या है?

प्रधानमंत्री वन धन योजना भारत सरकार के द्वारा साल 2018 में शुरू की गई थी। इस योजना का संचालन आदिवासी क्षेत्रीय वन विभाग के द्वारा किया जा रहा है। जो की जनजातीय क्षेत्र में वनों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए आदिवासी लोगों को सहायता प्रदान करती है। इसमें विनोपार्जन के लिए जो भी वस्तुएं आवश्यक होती हैं, वह सब सरकार कम कीमत पर देती है।

दरअसल भारत सरकार योजना के माध्यम से देश भर में वन धन योजना केंद्र खोल रही है। इस योजना के माध्यम से लगभग 50,000 केंद्र खोलने का उद्देश्य है। इसके प्रत्येक केंद्र में लगभग 15 सहायक संगठन बनेंगे। जिममें से प्रत्येक संगठन में लगभग 20 व्यक्ति शामिल होंगे। इसका तात्पर्य है, कि एक वन धन केंद्र से लगभग 300 जनजातीय व्यक्ति संबंधित हो सकेंगे। जोकि इस योजना के माध्यम से वनों का उत्पादन करने में सहायक भूमिका निभाएंगे।

प्रधानमंत्री वन धन योजना का उद्देश्य

प्रधानमंत्री वन धन योजना का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी समाज की आय में बढ़ोतरी करना है। जिससे कि वह अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकें। दरअसल आज के समय में बहुत से वन काटे जा रहे हैं, जिसके कारण उनकी आय स्रोत में कमी आ रही है। इसी के साथ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे आदिवासी समुदाय की पारंपरिक कलाएं भी विलुप्त हो रही हैं। इन सभी में वृद्धि करने के लिए सरकार जोर-शोर से प्रयत्नशील है।

क्योंकि सरकार अब वनों को बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। जिससे कि आय स्रोत को भी बढ़ाया जा सकेगा, क्योंकि आदिवासी समाज वनों के माध्यम से उत्पादन वस्तुएं बनाते हैं। जिससे कि उनको बाजार में बेचकर वह धनोपार्जन करते हैं। इसके लिए सरकार योजना के द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को बाजारों से संबंधित करेगी। जिससे कि वह देश के बड़े हिस्सों में वस्तुओं को प्रदर्शित करके बेंच सकेंगे। इससे आदिवासी समुदायों की कलाएं भी दुनिया के सामने निकल के आएंगी। जिससे उनको कार्यो के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

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Pradhanmantri Van Dhan Yojana के लाभ

  • इस योजना के माध्यम से जनजातीय क्षेत्र वासियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
  • इससे वनों में वृद्धि होगी, जिससे कि वन्य वस्तुओं को भी बढ़ावा मिलेगा।
  • सरकार वनों को बढ़ाने के लिए खाद्य सम्बंधित सभी सामग्री कम कीमत पर मुहैया कराएगी।
  • इसी के साथ जनजातीय क्षेत्र वासियों द्वारा बनाई गई वस्तुओं को बड़ी बाजार से संबंधित किया जाएगा, जिससे कि उन्हें उचित कीमत मिल सके।
  • इस योजना के माध्यम से देश भर में लगभग 50,000 वन धन योजना केंद्र खोलने का लक्ष्य बनाया गया है।
  • प्रत्येक केंद्र में लगभग 15 समूहों का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक समूह में लगभग 20 सदस्य शामिल होंगे।
  • सरकार प्रत्येक केंद्र के लिए लगभग 15 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।

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Pradhanmantri Van Dhan Yojana हेतु पात्रता

  • इस योजना हेतु नागरिक भारत का निवासी होना चाहिए।
  • इसी के साथ नागरिक जनजाति क्षेत्र से संबंधित होना चाहिए।
  • नागरिक वन्यवासी एवं आदिवासी होने चाहिए।
  • हालांकि इसके लिए कोई भी आर्थिक स्थिति निश्चित नहीं की गई है।
  • इस योजना हेतु जनजातीय क्षेत्र का नागरिक वन धन योजना केंद्र संगठन से संबंधित होना चाहिए।

प्रधानमंत्री वन धन योजना हेतु आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र
  • मूल निवास प्रमाण पत्र
  • फोटो
  • बैंक अकाउंट

Pradhanmantri Van Dhan Yojana हेतु आवेदन प्रक्रिया

  • प्रधानमंत्री वन धन योजना हेतु आवेदन करने के लिए सर्वप्रथम आप अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • इस वेबसाइट के होम पेज पर आपको योजना से संबंधित आवेदन फॉर्म मिल जाएगा।
  • इस आवेदन फार्म को डाउनलोड करके प्रिंटआउट निकाल लें।
  • इसके पश्चात आवेदन फार्म में पूछी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक दर्ज करना है।
  • इसी के साथ महत्वपूर्ण दस्तावेजों एवं फोटो को संलग्न कर दें।
  • इस प्रक्रिया के पूर्ण हो जाने के बाद आवेदन फार्म को वन धन योजना केंद्र पर जाकर अधिकारियों कै पास जमा कर दें।
  • ऐसा करने पर नागरिक को वन धन योजना संगठन समूह में जोड़ दिया जाएगा।
  • इसके बाद अधिकारियों द्वारा सत्यापन के बाद आदिवासी नागरिकों को योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
  • हालांकि सत्यापन के दौरान अधिकारियों को आवेदन फार्म में दी गई जानकारी सटीक मिलनी चाहिए। यदि आवेदन फार्म की जानकारी गलत पाई जाती है तो आवेदन फार्म को निरस्त कर दिया जाएगा।
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